31-12-13  ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

“पुराने वर्ष की विदाई के साथ स्वपनमात्र भी जो कमज़ोरी है उसे छोडने तथा उमंग-उल्हास से गुण धारण करने का दृढता सम्पन्न संकल्प करके सदा वाह वाह रहना, रोज अमृतवेले उस संकल्प को दोहराना तो बापदादा की एक्स्ट्रा मदद मिलेगी”

बापदादा सभी बच्चो को देख खुश हो रहे है। मैजारिटी सभी बच्चे खुशनुमा दिखाई दे रहे है। हर एक के दिल मे बापदादा समाया हुआ है। जैसे बच्चे स्नेह के प्लेन मे पहुंचे हुए है बापदादा भी हर बच्चे की स्नेही-मूर्त देख खुश हो रहे है। वाह स्नेही बच्चे वाह! हर एक बच्चे के मस्तक मे चमकती हुई खुशी दिखाई दे रही है। तो हर एक खुशनुमा बच्चे को देख बाप भी दिल मे गीत गा रहे हैं वाह बच्चे वाह! हर एक के मस्तक मे चमकती हुई बिन्दी आत्मा दिखाई दे रही है। हर एक के दिल मे दिलाराम दिखाई दे रहे हैं। बापदादा भी हर बच्चे को देख देख खुश हो रहे है और दिल मे गीत गा रहे है वाह बच्चे वाह! हर एक के दिल मे स्नेह समाया हुआ है।

सभी आज पुराने वर्ष को विदाई दे नया वर्ष नयनो मे समाया हुआ है। बापदादा पूछते है सभी ने आज के दिन अपने मे कोई न कोई विशेषता धारण कर और साधारणता को छोडा है? नये वर्ष मे अपने मे कोई न कोई विशेषता जो पुरुषार्थी जीवन मे आवश्यक है, वह संकल्प में, स्मृति मे लाया है? पुराना छोड नया धारण किया? हर एक ने अपने संस्कारो मे कुछ नवीनता सोची है? या धारण की है? छोडना भी आता है, धारण करना भी आता है।

बापदादा को हर एक के चेहरे में अभी इस समय स्नेह की, मिलन की झलक दिखाई दे रही है। आप सभी ने भी आज के सारे दिन मे कुछ छोडा, कुछ धारण किया? बापदादा मैजारिटी बच्चो को इस समय खुशनुमा देख रहे है और गीत कौन सा गा रहे है? वाह बच्चे वाह! आज के दिन हर एक बच्चे को कुछ छोडना भी है और कुछ नया गुण धारण करना है। सोचो, क्या छोडना है और क्या लेना है? बापदादा सभी बच्चो के चेहरे मे सदा बेफिक्र बादशाह की झलक देखने चाहते है। अटेबान है लेकिन आज के विशेष दिन दिल मे कुछ छोड़ना भी है, कुछ धारण करना भी है। कर सकते है? हाथ उठाओ जो कर सकते है नहीं, करेगे? अभी से सभी के मस्तक मे उमंग की लहरे देख रहे है। तो यह उमंग अभी का सदा रहे, यह विशेष ध्यान रखना। अपने दिल मे कोई न कोई विशेष उमंग लाओ और यह उमंग सदा चेक करना कि उमंग, उमंग रहा या बदली हुआ? कभी भी बापदादा यही चाहते है हर बच्चे के सूरत मे उमंग मे सदा कोई न कोई गुण धारण करने का उमंग हो, अगर गुण धारण करेगे तो अवगुण तो खत्म हो जायेगा ना। तो बापदादा खुश है कि सभी बच्चे कोई न कोई विशेष कमज़ोरी जो अब तक चाहते नही लेकिन आ जाती है, उसी संकल्प को, धारणा को आज और अभी के दिन दृढ संकल्प द्वारा छोड सकते हो? सकते हो? जो छोड़ सकते है वह हाथ उठाओ। अच्छा हाथ तो उठा रहे है, हिम्मत रखी है और मदद बाप की साथ है। सभी ने अपने दिल से जो छोडने चाहते है लेकिन संकल्प मे रह जाती है, उसको आज दृढ़ संकल्प से बाप को दे सकते हो? दे सकते हो? हाथ उठाओ। दे सकते हो फिर वापस नही लेना। उसके लिए बापदादा विशेष अमृतवेले विशेष मदद देगे क्योकि बापदादा को हर बच्चे से दिखाई देता है कि कोई बात छोडने चाहते है लेकिन…. लेकिन मे तो बहुत बाते है। लेकिन आज जो भी जिसमे कमज़ोरी हो, नही है तो मुबारक है। अगर जरा सा स्वपनमात्र भी हो तो आज के दिन दृढसंकल्प से बाप को दे दो। देना आता है ना! संकल्प करो, यह दृढसंकल्प आज का अगर किया तो आज का दृढ संकल्प करने मे आप हर एक को एकस्ट्रा मदद मिलेगी। सुबह अमृतवेले, अमृतवेला करने के बाद संकल्प को चेक करना और दिल से दृढ संकल्प करना तो बापदादा की एकस्ट्रा मदद मिलेगी। सच्ची दिल से, ऐसे नही देखता हूँ होता है या नही होता है! सच्ची दिल से अगर संकल्प करेगे तो कुछ न कुछ एकस्ट्रा मदद मिलेगी क्योंकि नया वर्ष शुरू हो रहा है। बापदादा चाहते है हर बच्चा नया वर्ष आरम्भ होते सवेरे उठके अपने दिल से, कहने से नही, दिल से पुरुषार्थ करेंगे तो मदद भी मिल जायेगी। दृढ संकल्प करो कल सुबह को, दृढता सम्पन्न छोडने का संकल्प करना क्योकि बापदादा देखते है संकल्प सब करते है, लेकिन संकल्प के साथ रोज उस कमज़ोरी को बाप को देंके दृढ़ संकल्प करना, उमंग उल्हास का गुण धारण करके करना ही है, यह दृढ़ संकल्प करके, करके ही दिखाना, करना ही है, इसमे अगर कोई की मदद चाहिए, महारथियो की तो मदद भी ले सकते हो।

आज का दिन दृढ़ता का दिन मनाओ। होना ही है, करना ही है। करेगे नही, करना ही है, इसमे बापदादा आपके मददगार है। उमंग को ढीला नही करना, रोज दोहराना। बाप को दे दो कमज़ोरी, दी हुई चीज़ वापस नही ली जाती। बापदादा देख रहे है कि मैजारिटी बच्चे चाहते है लेकिन अपनी कमज़ोरी बाप को दे दो, दी हुई चीज़ कभी वापस नहीं ली जाती। बापदादा खुश है कि सभी बच्चे मैजारिटी चाहते है लेकिन चाहना के साथ जो शक्ति चाहिए उस शक्ति के तरफ अटेंशन कम देते है। हो जायेगा. यह बीच मे विध्न डालता है। दृढता संकल्प के साथ मे रखो। तो आज के दिन पुराना वर्ष जा रहा है, नया आयेगा, तो हर एक कुछ न कुछ दृढसंकल्प अपने दिल मे करो, छोडना है अपने दिल मे सोचो लेकिन रोज अमृतवेले के बाद उसको चेक करो तो जो संकल्प किया वह दृढ है? क्योकि इसमें अलबेलापन भी आता है। तो आज के दिन कोई न कोई श्रेष्ठ धारणा अपने दिल में करो और रोज अमृतवेले उसको दोहराओ, दिया हुआ वापस नही लेना क्योकि बापदादा अभी आगे चल करके जो समय आने वाला है, उस समय को देख हर एक संकल्प मे हर रोज दृढ़ता चाहिए, रिजल्ट देखो जो संकल्प किया वह कहाँ तक पूरा हुआ? अगर परसंटेज भी हल्की हुई, पहले उमंग बहुत होता है पीछे थोडा- थोडा ढीला हो जाता है वह ढीला होने नही देना। करके ही दिखाना है, यह दृढ़ संकल्प करना। मास्टर सर्वशक्तिवान है साधारण नही है। तो कल के दिन कोई न कोई दृढ़ संकल्प सामने लाना और रोज अमृतवेले दोहराना, चेक करना। बापदादा की मदद लेना।

तो सभी खुशनुमा अभी तो देखने मे आ रहे हैं। अभी- अभी सभी खुशनुमा है, हाथ उठाओ। तो जैसे अभी है ना, वैसे अपनी स्थिति को दोहराना। अभी बापदादा का साथ है, ऐसे दिल मे सदा साथ रखना। दिल का दिलाराम है। तो सभी आज कोई न कोई स्व-उन्नति अपने हिसाब से चेक कर संकल्प मे रखो और रोज उसको सुबह अमृतवेले के बाद दोहराना। अच्छा।

सभी दिलखुश है ना! जैसे अभी दिलखुश हैं, अभी दिलखुश हैं ना! है खुश हाथ उठाओ। तो यह समय याद करना। जैसे अभी दिलखुश है इस दिलखुश समय को दोहराते रहो। और बापदादा सभी बच्चो का फोटो निकालेगा। वह फोटो साधारण नही होता है। तो सदा खुश, सदा खुश रहेगे? पक्का? कितना पक्का? खुशी को जाने ही नही देना ना। खुश रहना, खुशी बांटना। ब्रह्माकुमार, ब्रह्माकुमारिया हो। आपका टाइटिल क्या है। तो यह याद रखना ब्रह्माकुमार हूँ या ब्रह्माकुमारी हूँ। साधारण नही हूँ। ब्रह्मा बाप को जाना, भले देखा नही लेकिन जान तो लिया ना। मेरा बाबा, जितना बाप मे मेरापन लाएंगे, मेरा बाबा मेरा बाबा, उतना सहज याद होती जायेगी क्योकि मेरी बात कभी भूलती नही है। तो बाप को मेरा बनाओ और मेरा भूले नही। तो बापदादा यही चाहते है, सुबह को उठके अपनी शक्ल देखना, मन की शक्ल, यह शक्ल नही। मन की शक्ल देखना, बाप के दिलपसन्द है? अच्छा। सभी बच्चो को देख बापदादा भी खुश होते है, वाह बच्चे वाह! सब वाह वाह हो ना। हो? वाह वाह हो? दो-दो हाथउठाओ। तो सदा रहेंगे या अभी? सदा वाह वाह। बाप सदा वाह वाह लगता है ना तब तो याद करते हो। तो बाप वाह वाह तो बच्चे भी वाह वाह। सुबह को उठके याद करना मै कौन सा बच्चा हूँ? वाह वाह बच्चा हूँ। अच्छा। सदा वाह वाह रहेगे ना! इसमे अटेंशन देना है इसका हाथ उठाओ। सुबह को उठते ही यह वाह वाह शब्द याद करना। बाप देखे वाह वाह। अच्छा।

अभी सभी आये हुए बच्चो को बापदादा विशेष दृष्टि दे रहे है किस बात के लिए? वाह वाह रहने के लिए। रहेंगे? रहेंगे? हाथ उठाओ। रहेगे। तो वाह वाह शब्द भूलना नहीं। यह सभा मे हाथ उठाया यह भूलना नही। मै कौन? वाह वाह। इजी है ना। हूँ ही वाह वाह, तो क्या होगा? खुश। कुछ भी बात हो जाए, आई और गई आप क्यो उसको पकड़ लेते हो? कोई बात ठहरती नही है, चली जाती है। आप क्यो पकड़ लेते हो? तो कल से रोज अमृतवेले अपना चेहरा देखना, अन्दर का चेहरा, बाहर का नही। चेक करना वाह वाह है? क्यो? बापदादा वाह वाह तो बच्चे क्या होगे? वाह वाह! बस वाह वाह शब्द याद रखना। अगर कभी मूड आफ हो ना, वाह वाह शब्द याद रखना। अच्छा।

बापदादा मिला ना! बाप को भी बच्चो के सिवाए चैन नही आता। बापदादा सारे परिवार को अमृतवेले चक्कर लगाते दृष्टि देते है। बापदादा को चक्कर लगाने मे कितना टाइम चाहिए? क्योकि बच्चो से प्यार है ना! तो रोज अमृतवेले के बाद देखना बापदादा चक्कर लगायेगा, देखेगे सभी को। तो क्या दिखाई देगे? वाह वाह! यह वाह वाह शब्द भूलना नही। वाह वाह! अच्छा - जो भी बच्चे जहाँ भी है, बापदादा सभी को वाह वाह बच्चे कह करके चक्र लगाके देख रहा है। तो अमृतवेले उठके सदा याद करना, मै कौन? वाह वाह बच्चे। कोई भी बात हो ना, वह वाह वाह मे समा देना। बात नही रखना। बाप और आप बस। अच्छा। गुडनाइट।

आज बापदादा ने गुडनाइट की। आप आपस में गुडनाइट करके सोना। सभी बच्चो को जो जहाँ बैठे है, जहाँ चल रहा है, लेकिन सभी को बापदादा देख रहा है। कितने मे चक्कर लगा सकते है। सभी को चारों तरफ के बच्चों को बापदादा गुडनाइट कर रहे है।

सेवा का टर्न महाराष्ट्र का, महाराष्ट्र आंध्र और वाम्बे से 13 हजार आये हैं:- अच्छा है नाम ही महाराष्ट्र है तो महान ही होगे ना। हैं सिर्फ थोड़ा- थोड़ा भूल जाते है, बाकी हैं। अच्छा गुडनाइट। आप जाके खाके सोना, बाकी गुडनाइट याद रखना।

डबल विदेशी भाई बहिनें और सिंधी भाई वहिने भी आये हैं, करीब 500:- देख लिया। बहुत अच्छे स्नेही है। सहयोगी भी है, स्नेही भी है। अच्छा।

पहली बार वहुत आये हैं:- (बापदादा ने हाथ हिलाके सभी को दृष्टि दी)

अच्छा, चारो ओर के देश विदेश सभी को बापदादा सामने से यादप्यार दे रहे है। बापदादा के सामने एक सेकण्ड मे सभी इमर्ज हो जाते है, तो सभी तरफ बापदादा चक्कर लगाते सारे ब्राह्मण परिवार को यादप्यार दे रहे है।

नीलू बहन से:- इसने अच्छी सेवा की है। इसकी सेवा का लाभ सभी को मिल रहा है। सारे सेन्टर्स के ब्राह्मणो को मिल रहा है, और प्यार से करती है। प्यार इसके दिल में सभी के लिए बहुत होता है। (आप आते रहो, हम प्यार से सेवा करते रहेगे) ठीक है। खुश तो है! सदा खुश है। 

मोहिनी वहन का कल जन्म दिन है:- मुबारक हो। आगे बढने की मुबारक हो।

जो भी आये है सभी को खास मुबारक है। 

निवैंर भाई से:- सभी ने अच्छी सेवा की। सेवा का मेवा सबको मिल रहा है। 

रमेश भाई से:- (नारी शक्ति पर सीरियल बनाया है) ठीक है, देखेगे। (बहुतो ने याद दी है) जिसने याद दिया है उन सबको नाम लेके कहना बापदादा ने याद दी है। 

डा. बनारसी भाई से:- इसने भी रथ की सेवा बहुत अच्छी की है। दिल से सेवा करते हो, यह भी सबको भासना आती है। पेशंट को भासना आती है।

ओम् शान्ति।